Thursday, August 9, 2007

TERI YAAD YAAD YAAD YAAD















हमने बाँटी हैं तन्हाइयों से बातें अक्सर

जिंदगी को तड़पाती है हमारी साँसें अक्सर
और तो क्या है जिससे मुझे चैन मिलता
हर पल देखती हैं मुझे तेरी आँखें अक्सर
हाल कहना किसी से मुमकिन ही नहीं
ख्वाबों में गुजरती हैं मेरी रातें अक्सर
हमारा है कोई ना कभी आएगा कोई
वो तो हम खुद से ही निभाते हैं वादे अक्सर
उनसे पूछो मोहब्बत निभाई है कभी
वफाओं की किया करते हैं जो बातें अक्सर

Khoye hain hum jinki Yaadon mein,
Jane woh Kahan hai.
Kaise Samjhaye hum dil ko,
Saathi woh Bewafaa hai.
Jinhe Chaha tha humne,
Jaan Se bhi Badhkar.
Yun Hata diya hume,
Jaise raah Pade Koi Pathar.

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